सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

सठिया गए हैं पवार !

पवार की ठाकरे से मुलाक़ात पर अब सियासत होने लगी है कोई नई बात नहीं है हम रोज़ ही देखते हैं... मैने कल भी लिखा था कि क्या है इस मुलाक़ात के पीछे... वाकई आख़िर पवार चाहते क्या हैं... क्या हो गया है उन्हें... महंगाई को लेकर लगातार विपक्ष और मीडिया के निशाने पर रहने के कारण क्या उनका दिमाग़ फिर गया है या फिर उन्हें सुर्ख़ियों में रहना पसंद है... याद रहे ये वही शरद पवार है जो कभी कांग्रेस में एक अच्छा मुक़ाम रखते थे... लेकिन सोनिया गांधी का विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर 1999 में इन्होने कांग्रेस से किनारा कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का गठन किया था... लेकिन कहते हैं ना कि राजनीति में सब कुछ जायज़ है और पवार ने जब कांग्रेस के पास पावर देखा तो फिर से कांग्रेस के नज़दीक आ गए... पिछली लोकसभा में मंत्री थे... इस बार भी मंत्री है अपने पसंदीदा मंत्रालय में बैठे हैं लेकिन सवाल अब भी वही है कि ऐसा क्यों...? दरअसल इसके पीछे ये तथ्य हो सकता है, शरद पवार का जन्म हुआ था 12 दिसंबर 1940 को ... यानि की शरद पवार 60 साल पार चुके हैं... जब वो 60 की दहलीज़ पर थे तब सठियाए थे, उन्होने कांग्रेस छोड़ने का एक बड़ा क़दम उठाया था... और एनसीपी का गठन किया था... अब 70 के करीब हैं यानि की ये साठ के दशक से अब सत्तर के दशक में प्रवेश कर रहे हैं... और ऐसे में उन्होने बाल ठाकरे से मुलाक़ात की सुरक्षा को लेकर जबकि वो ख़ुद सरकार के नुमाइंदे हैं... एक बड़े पद पर बैठे हैं... और केंद्रीय गृहमंत्री पी चिंदबरम सुरक्षा की गारंटी दे चुके हैं ऐसे में उन्होने ये मुलाकात की है... अब इसे क्या कहा जाए... सच ही तो है पवार सठिया गए हैं...

1 टिप्पणी:

  1. सठिया नहीं गए हैं...गठिया गए हैं
    वर्ना, भागदौड़ मंहगाई कम करने के लिए करते न कि दूसरे धंधों के लिए.

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